अंतरिक्ष युद्धम 7
मिशन UFO
जिस तरह का दरवाजा आगे की तरफ खुला था उसी तरह का दरवाजा पीछे की ओर भी खुला। लेकिन वहां दो दरवाजे थे, जो दरवाजे कम और लॉन्चिंग पैड ज्यादा लग रहे थे। मिशा और मिस्टर रावत उन दरवाज़ों को खुलता देख सावधान हो गए और खुद को हाईवे के किनारों पर बने लोहे की पिलऱो के पीछे छुपा लिया। उनके डिवाइस काम नहीं कर रहे थे जिसकी वजह से उनका किसी से संपर्क भी नहीं हो रहा था। दोनों को उन दरवाजों से किसी के उतरने का इंतजार था। अगर वहां से कोई एलियन बाहर आता है तो वह उस हिसाब से आगे की रणनीति तैयार कर सकते थे। मिशा का साथ होने का यही फायदा था, वह कुशल फाइटर थी और लड़ने की कला से बेखुबीं वाफिफ थी। जरूरत पड़ने पर वह लड़ाई भी कर सकती थी और अगर जान देने की जरूरत पड़ी तो वह भी दे सकती थी। इन हालातों में जो भी किया जाए सब सही है, उसके रिजल्ट क्या रहेंगे, इसके बारे में सोचने का शायद समय तक भी नहीं। काफी देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद वहां से कोई भी बाहर नहीं आया। मिशा और मिस्टर रावत एक दूसरे की तरफ देख रहे थे, आंखों ही आंखों में उनके बीच आगे क्या करना है इसकी भी बातें हो रही थी। फिर मिस्टर रावत ने इशारा किया और कहा शायद हमें आगे चलना चाहिए। मिशा ने भी गर्दन हिलाकर हामी भर दी। उसने अपनी कमर पर लटका पिस्तौल निकाला और उसे हवा में तान दिया। फिर पिलरों के पीछे ही छिपकर आगे की तरफ बढ़ चली। दूसरी तरफ मिस्टर रावत भी ऐसे ही छिप कर आगे जा रहे थे। स्पेसशिप से तकरीबन 10 मीटर की दूरी पर आकर दोनों ठहर गए। उन्हें आगे की चीजें और भी साफ और स्पष्ट नजर आ रही थी। उनके सामने किसी तरह का दरवाजा नहीं बल्कि एक तरह की हवा सोखने वाली मशीन थी। शायद एलियन यहां की हवा सोख कर उसे अपने शिप के अंदर इकट्ठा कर रहे थे। इस चीज को वहां से उत्पन्न होने वाले दवाब से महसूस किया जा सकता था, फिर मशीनों का शोर भी पंखे जैसा था। मिशा ने इशारे में मिस्टर रावत से पूछा "अब आगे क्या करना है" मिस्टर रावत ने उसे कुछ देर ठहरने के लिए कहा फिर वह आगे की चीजों का जायजा लेने लगे। अपनी आंखों से उन्होंने अंदर तक झांकने की कोशिश की, जब उन्हें लगा सब ठीक-ठाक है तब वह मिशा को बोले "चलो इस तरफ से आगे बढ़ते हैं"
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राज अभी भी बाइक के पीछे छुपा हुआ था, उसके सामने का दरवाजा पूरी तरह से खुल चुका था। धुआ भी धीरे-धीरे कम हो रहा था। राज ने थोड़ी सी हिम्मत दिखाई और गर्दन उठाकर फिर से ऊपर की तरफ देखा। उसे सामने स्पेसशिप का दरवाजा और उसके अंदर के दृश्य दिख रहे थे। वहां सिर्फ काला अंधेरा था। जल्द ही उसे वहां से कुछ आकृतियां बाहर की तरफ आते हुए दिखाई देने लगी। शायद यह एलियन थें। इतना तो वह अब तक समझ ही चुका था की उसके सामने एक एलियन स्पेसशिप खड़ी है, अपने यहां तो ऐसी स्पेसशिप होना संभव ही नहीं। आकृतियां एक के बाद एक बाहर आ रही थी जिससे उनकी वेशभूषा और चेहरे भी दिखने लगे। अभी तक कुल 2 ही आकृतियां बाहर आई थी, जिनमें आगे आने वाली आकृति की वेशभूषा कुछ इस प्रकार की थी। उसने काले रंग का एक लोहे का बना सूट पहन रखा था, आकार तकरीबन डेढ़ मीटर ऊंचा और आधा मीटर चौड़ा। दिखने में इंसानों जैसा बस साइज में बड़ा था । गर्दन वाले हिस्से पर कांच की एक गोल परत थी जिसके अंदर उसका सर दिखाई दे रहा था। वह नीले रंग का एक मगरमच्छ जैसा सर था, काली आंखें, बड़े कान, नाक और तिरछा सा मुंह। आंखों के ऊपर पलकों वाले हिस्से पर पीले रंग के मोटे बाल थे जो कील की भांति गढ़े हुए प्रतीत हो रहे थें। पीछे से आने वाला एलियन की कुछ इसी तरह का था, मगरमच्छ जैसी आकृति। लोहे के बड़े और भारी भरकम सूट में जकड़ा हुआ। दोनों के हाथों में कुछ और चीजें भी दिख रही थी, जो शायद उनके हथियार या फिर काम की चीजें रह रही होगी। पहले वाले ने उसे अपने कंधे पर रख रखा था जबकि दूसरे वाले ने उसे नीचे लटकाया हुआ था। दरवाजे से बाहर आने के बाद दोनों ने अपने अपने क़दम सड़क पर रखे और उसे देखने लगे। फिर पहले ने दूसरे वाले से कुछ कहा और दूसरा वाला नीचे झुककर उसे सुघने जैसा कुछ करने लगा। इसके बाद वह खड़ा हुआ और पहले वाले से कुछ बोला। पहले वाले ने यह सुनते ही अपने हाथ में पकड़ी चीज उसको पकड़ाई और सड़क पर लेट गया। शायद अपनी तरफ से वह भी उसे सुघने की कोशिश कर रहा था।
राज उन दोनों को यह सब करता हुआ देख रहा था। हो क्या रहा है यह तो उसकी भी समझ से बाहर था। दोनों एलियन खड़े हुए और अजीब तरह से कूदने लगे। फिर कुदते कुदते वह रुक गए और पहले वाले ने सामने की तरफ इशारा किया। उसका ईशारा राज की तरफ था। इसके साथ उसने कुछ कहा जिसे सुनने के बाद दूसरे वाले ने राज की तरफ चलना शुरू कर दिया।
"यह मेरी तरफ आ रहा हैं" राज खुद से बड़बडाया और बाइक के पीछे छुप कर खुद को बचाने की कोशिश करने लगा।
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स्पेसशिप के पीछे की तरफ मिस्टर रावत और मिशा उस हिस्से में घुस चुके थे जहां से हवा अंदर जा रही थी। अंदर घुसने के बाद एक गोल पाइप जैसी आकृति ऊपर की तरफ मुड़ी हुई थी, उसके अंत में एक हैंडल लटक रहा था। दोनों बिना किसी परेशानी के वहां तक पहुंचे और उन्होंने उस हैडल को घुमा दिया। हैंडल के घुमाते ही वह हिस्सा एक दरवाजे की भांति सामने की ओर खुल गया। ठीक सामने तारों के ढेर सारे घूच्छों के साथ एक लंबी गैलरी थी। तार के यह गुच्छे दीवारों से चिपके हुए थे। बीच-बीच में कुछ रसिया भी बाहर की ओर लटक रही थी। शायद यह उन एलियंस का स्पेसशिप से बाहर या अंदर जाने का रास्ता होगा, इसीलिए ऐसी चीजें मौजूद हैं जो अंतरिक्ष में बाहर जाते वक्त काम में आती है, जैसे की रसिया और एयर प्रेशर सिस्टम। मिशा और मिस्टर रावत उस गैलरी में सामने की ओर जाने लगे, इस बात की फिक्र किए बिना की सामने कोई खतरा उनका इंतजार कर रहा है। हालांकि उन्होंने अंदर जाने से पहले ही खतरे का पुरा आकलनं कर लिया था, इन परिस्थितियों में अगर वह पीछे जाने की कोशिश भी करते तब भी कोई फायदा नहीं था। एलियंस की नजर उन दोनों पर पड़ जाती और वह उन्हें दर दबोचते । ऐसा भी हो सकता था कि इसकी जगह कुछ अलग होता।
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UFO, अज्ञात लोग
हवा हल्की मधंम हो गई थी। राज के पीछे के एलियन ने अपने एक हाथ से बाइक को ऐसे उठाया जैसे वह प्लास्टिक की कोई बोतल हो, और उठाकर समंदर की तरफ फेंक दिया। जब बाइक वहां से हट गई तो सामने राज दिखा जो घुटनों के बल जमीन पर लेटा हुआ था। उसे अभी यह नहीं पता था कि उसके पीछे की बाइक अब वहां नहीं जिसका सहारा लेकर वो छुपा हुआ था। एलियंस ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके हाथ में जो चीज थी, उससे उसके कंधे को छुआ। कंधे को छूते ही राज सख्ते में आया और तेजी से खड़ा होता हुआ बोलने लगा"मैंने कुछ नहीं किया, मैंने कुछ नहीं किया, प्लीज मुझे मत मारो.. प्लीज मुझे मत मारो" उसे इस तरह से चिल्लाता देख एलियंस अपने पीछे वाले दूसरे साथी को देखने लगा। उस एलियंस ने कुछ इशारा किया जिसके बाद वह आगे बढ़ा और उसने राज को पकड़कर कंधे पर उठा लिया। राज खुद को छुड़ाने के लिए हाथ पैर मारने लगा, पर एलियन की पकड़ इतनी मजबूत थी की राज की यह कोशिश भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसी थी। जब दोनों एलियंस पास पास आए तब फिर से दोनों के बीच कुछ बातचीत हुई। फिर वह एक साथ स्पेसशिप की ओर जाने लगे। उनके भारी-भरकम लोहे की सूटों की आवाज जब नीचे के फर्श पर पड़ रही थी तब धम धम की आवाज हो रही थी। राज चिल्ला रहा था "अरे मैंने क्या बिगाड़ा है तुम लोगों का, मुझे छोड़ दो, मेरी तो अभी तक शादी भी नहीं हुई, अरे, तुम लोगों को क्या चाहिए, कुछ तो बोलो, कुछ तो कहो, क्या तुम लोग मुझ पर एक्सपेरिमेंट करोगे, क्या मेरी चिरफाड़ करोगे" पता नहीं क्या-क्या था जो इस तनाव के समय राज के मुंह से निकल रहा था। इन हालातों में कैसी प्रतिक्रिया करनी है उसे भी नहीं पता था। और पता होता भी कैसे, अब से कुछ देर पहले वो यह भी नहीं जानता था की वह आज एक बड़ी मुसीबत में फंसने वाला है। वो तो आराम से अपना इंटरव्यू देने जा रहा था, बाइक भी आराम से चला रहा था लेकिन यह मुसीबत आएगी, काश उसको इसका कुछ पता होता। उसे तभी समझ जाना चाहिए था जब सामने से आने वाली गाड़ियां कम हो रही थी, और तब भी जब सामने से आने वाली गाड़ियां पूरी तरह से बंद हो गई थी। तब भी उसके पास एक मौका था जब हाइवे पूरी तरह से खाली हो चुका था। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। राज ने फैसला लेने में बहुत देरी कर दी जिसके नतीजे अब उसके सामने आ रहे हैं। वह एलियनसं के द्वारा किडनैप किया जा रहा।
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मिशा और मिस्टर रावत दोनों उस गलियारे को पार कर चुके थे। गलियारों को पार करने के बाद उनके सामने मशीनी पुर्जों के अलग-अलग दृश्य थे और दरवाजे भी। मिशा ने वहां पहुंचकर पहले अपने वाइट टॉप और ब्लू जींस पैंट को सही किया। अंदर आते वक्त वो स्पेसशिप की दीवारों से टकरा गई थी जिस कारण उन पर हल्के दाग के निशान पड़ गए । फिर उसने अपने बालों को पीछे की तरफ बांधा जो बाहर तेज चल रही हवा के कारण खुले हुए थे। जब मिशा यह सब कर रही थी तो मिस्टर रावत की नजर उस पर पड़ी, कमबखत!! उन्होंने खुद के माथे को पीटा और सामने की तरफ ध्यान दे दिया। फिर मिस्टर रावत ने आगे बढ़कर दरवाजे को खोल दिया। दरवाजा खोलते ही पूरी स्पेसशिप में एक अलार्म बजने लगा। मिस्टर रावत और मिशा दोनों सावधान हो गए और दरवाजे के पीछे की तरफ झुक गए। जरूर यह अलार्म किसी तरह के खतरे की कोई निशानी होगी, या फिर एलियंस को सचेत करने का तरीका जिससे उन्हें पता लग सके स्पेसशिप में घुसपैठ हुई है। लेकिन कुछ और भी था जो यहां हो रहा था। जिस रास्ते से मिशा और मिस्टर रावत आए थे वह बंद हो रहे थे। बाहर हवा वाले पंखे भी अब अंदर की ओर जाने लगे थे। सामने की तरफ जो दरवाजा था वह भी ऊपर उठने लगा था। मतलब स्पेस शिप टेकओफ की तैयारी कर रहा था। जैसे ही मिशा और मिस्टर रावत को पता चला कि स्पेस शिप उड़ान भरने वाली है वो लोग वापस जाने के लिए मुंडे, लेकिन गलियारे से बाहर जाने वाला रास्ता बंद हो चुका था। वह दोनों बस उस दरवाजे तक ही आ सके जिसके बाद दरवाजा बंद हो गया। मिशा ने अपना हाथ जोर से दरवाजे पर मारा।"लगता है हम यहां फंस गए"
मिस्टर रावत भी हाथ दरवाजे पर रखते हुए बोले"हां, अब हम लोग यहां से बाहर नहीं निकल सकते"
स्पेसशिप में बजने वाला अलार्म अभी भी जोर जोर से बज रहा था। जब मिशा और मिस्टर रावत की नजर आगे की तरफ थी तब उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि उनके पीछे एक एलियन आकर खड़ा हो गया है। उन्हें इस बात का तब पता चला जब एलियन ने अपना एक हथियार उन दोनों के सर पर तान दिया। हथियार के तनते ही दोनों के हाथ अपने आप ऊपर हो गए और उन्हें इस बात का भी पता चल गया, अब वह दोनों अच्छे से फंसे हैं। जैसे ही दोनों पीछे की ओर मुड़े उन्हें एलियंस की वेशभूषा और उसका चेहरा दिखाई दिया। यह कुछ अलग था, दिखने में किसी गोरीले के जैसा, ऊंचाई उन दोनों के बराबर हालांकि मोटाई में थोड़ा पतला था। उसने किसी तरह का सूट या कुछ और चीजें नहीं पहन रखी थी, इससे उसके शरीर के हिस्से भी दिख रहे। इंसानों जैसी दो पतली टांगें और उन पर भूरे रंग के बाल, टांगें बीच से कटी हुई लग रही थी, जो या तो उसकी हड्डी होगी या फिर वह दिखता ही ऐसा है। छाती वाले हिस्से पर दो उभरे हुए स्तन जैसे आकार थे। वह बालों से ढके हुए थे। वेशभूषा देखकर लग रहा था कि वह नर है, चेहरे पर आंखों के ऊपर भी घन्ने बाल थे। एक चीज थी जो उसमें सबसे अलग थी, उसका नाक उसके मुंह के नीचे बना हुआ था। यह उसमें सबसे दिलचस्प चीज थी जो उसे आकर्षित भी बना रही थी।
भारत सरकार और अपहरण
स्पेसशिप लॉन्चिंग के लिए तैयार थी, धीरे-धीरे उसके नीचे वाले हिस्से से बड़े आकार में लाल रंग की उर्जा बाहर निकलने लगी, एक झटका सा लगा और स्पेसशिप ऊपर की ओर उठ गई। अब तक भारत और पूरी दुनिया तक यह खबर पहुंच चुकी थी कि यहां कोई स्पेसशिप मंडरा रही है, और उस स्पेसशिप ने कुछ फाइटर प्लेंनस भी खत्म कर दिए। भारतीय एयरफोर्स अलर्ट थी, फ्रांस और रूस ने भी अपने फाइटर प्लेन भारत की तरफ रवाना कर दिए थे। इस तरह का खतरा अंतरराष्ट्रीय स्तर का खतरा माना जाता है, जहां सब देश मिलकर सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं। अमेरिका ने भी अपने सबसे तेज चलने वाले फाइटर प्लेनस को परमाणु बम के साथ उड़ने के आदेश दे दिए थे। जर्मन और ब्रिटेन के फाइटर प्लेन भी हवा मे थें। देखते ही देखते ठीक 10 से 15 मिनट के बाद पूरा आसमान बहुसंख्यक जहाजों से भर गया। हर एक देश का जहाज ऊपर उड़ रहा था और सब आपस में संपर्क बना रहे थे। पीछे से उन्हें नियंत्रण करने वालों के आदेश भी लगातार आ रहे थे। सबको स्टैंड बाई मोड पर डाल दिया गया और उन्हें जरूरत पड़ने पर हमला करने की छूट दे दी गई। गोवा के ऊपर युद्ध जैसा माहौल बन गया। जहाज तो ऐसे उड़ रहे थे जैसे मधुमक्खियों के छत्तों से मधुमक्खियां । स्पेस शिप हवा में काफी ऊंचाई पर थी और आसपास के जहाज भी उसके इर्द-गिर्द घूम रहे थे। एक चक्रव्यू जैसा दृश्य उभर कर आ रहा था जिसमें स्पेसशिप बीच में थी और बाकी के जहाज आस-पास। बड़े देशों के सभी राजनेता आपस में ऑनलाइन कनेक्शन के जरिए जुड़ हुए थे। भारत के प्रधानमंत्री, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, रूस के राष्ट्रपति, फ्रांस के राष्ट्रपति, अमरीका के राष्ट्रपति सब एक साथ एक ही लाइन पर थे। वहां उन्होंने एक साथ कहा। "अटैक" और जहाज एक के बाद एक मिसाइल स्पेसशिप पर छोड़ने लगे। मात्र 10 से 12 सेकंड के अंतराल के बाद पूरी स्पेसशिप अपने आस-पास से आ रही मिसाइलों के हमलों को झेलने लगी। अभी तक परमाणु बम के हमले के आदेश इन फाइटर प्लेंनस को नहीं दिए गए थे, इसलिए जो भी हमले हो रहे थे वह या तो अति आधुनिक मिसाइलों के थे या फिर कुछ छोटी मिसाइलों के। भारत की तरफ से अग्नि-5 और अग्नि-4 दोनों मिसाइलों के हमले एक साथ किए गए थे। समुंद्री जहाजों का बेड़ा भी नीचे आ पहुंचा था जिससे निकलने वाली मिसाइलें भी स्पेसशिप को अपना निशाना बना रही थी। पाकिस्तान की नजदीकी पनडुब्बी से भी कुछ मिसाइलें इस स्पेशशिप पर हमला करने के लिए निकली थी। कुल मिलाकर प्रत्येक देश इन एलियन से लड़ाई में शामिल हो चुका था। ऐसा कोई भी बड़ा देश नहीं बचा था जो यहां अपना योगदान न दे रहा हो।
एलियन की स्पेस शिप पर मिसाइलों की भारी वर्षा के बाद जब हमले रुके तब पता चला इन मिसाइलों से उस पर एक आचं तक नहीं आई। आंच तो दूर की बात यह भी नहीं लग रहा था क मिसाइले उससे टकराई होगी। एलियन स्पेसशिप के आसपास एक मैग्नेटिक और इलेक्ट्रिक फील्ड बना हुआ था जो किसी भी चीज को उससे टकराने से रोक रहा था। इस फील्ड ने सभी मिसाइलों के हमले को बेअसर कर दिया। जितनी भी मिसाइलें फटी थी सब की सब उसे कुछ दूरी पर हवा में ही फटी थी। जब फाइटर्स प्लेनस के पायलटों को इस बात का पता चला उन्होंने पीछे से आ रहे अपने हाईकमान के अफसरों को इस बात की जानकारी दी। "सर, एयर स्ट्राइक कांट टैकल थिस कंडीशन"
फिर सब बड़े राष्ट्रीय स्तर के नेता एक-दूसरे की तरफ देखने। अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री से कहा "व्हाट यू थिंक, वी कैन अटैक ए न्यू क्लियर मिसाइल इन दिस कंडीशन"
लेकिन भारत के प्रधानमंत्री ने कुछ सोचते हुए मिसाइल के हमले के इरादे को टाल दिया "नो, द स्पेस शिप फ्लाइंग ऑन ए सिटी, वी काट डु ए न्यूक्लीयर अटैक" भारत के प्रधानमंत्री का कहना था कि एलियंस की स्पेस शिप गोवा शहर के ऊपर उड़ रही है। इस वजह से अगर न्यूक्लियर मिसाइल का हमला करते हैं तो शहर के लोगों पर भी इफेक्ट पड़ेगा। जिस तरह एलियंस उड़ान भर रहे हैं उससे यही लग रहा है कि वह वापस जा रहे हैं, अगर ऐसा है तो हमें उसे वापस जाने देना चाहिए। बिना मतलब के पंगा लेने का क्या फायदा। भारत के प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद सभी राष्ट्रीय स्तर के नेता अपने आसपास के आदमियों से विचार विमर्श करने लगे, उनके बाद सभी ने इस निर्णय से सहमति जता दी। वह अबकी बार इन एलियंस को जाने देंगे लेकिन अगर अगली बार वह वापस आते हैं तो वह पूरी तैयारी के साथ उन पर हमला करेंगे। यहां तक कि न्यूक्लीयर हमला करने के लिए भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके अलावा उन पर रिसर्च भी की जाएगी, यह कौन थे और क्यों आए थे इसका भी पता लगाया जाएगा।
गोवा के ऊपर वाले आसमान में आसपास घूम रहे फाइटर प्लेन वापस लौट रहे थे, एलियन स्पेसशिप ऊपर की तरफ उड़ान भरने को तैयार थी। उसके इर्द-गिर्द काले रंग के बादल और सफेद रोशनी का चक्कर बन चुका था। पूरी दुनिया अब तक इस बात से अनजान थी कि उसके अंदर राज मिशा और मिस्टर रावत फंसे हुए हैं। जिस तरफ अब यह एलियन जाएंगे यह तीनों भी उसी और जाएंगे। इस बात की भी संभावना है की शायद सरकार को कभी इस बात का पता भी ना चले। मिस्टर रावत और मिशा का तो फिर भी पता चल जाएगा पर राज के मामले में बिल्कुल नहीं पता चलने वाला।
देखते ही देखते एलियन स्पेसशिप ने खुद को एक झटका दिया और वह गति पकड़ते हुए पहले आसमान से गायब हुई और फिर सौरमंडल से। इसके बाद वह दूर अंतरिक्ष में कहीं खो गई।
Fiza Tanvi
20-Nov-2021 01:05 PM
Good
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Angela
01-Sep-2021 12:19 PM
Splendid
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Miss Lipsa
30-Aug-2021 08:45 AM
Wow
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